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लघु उद्योगों को संजीवनी:मोदी जी की 12 योजनाएँ




Published Date: 2019-01-11 14:50:19





वर्ष 2018 लघु बैटरी उद्योग के इतिहास में सदैव स्मरण किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के एमएसएमई उद्योगों को दो नवंबर को जो अमृततुल्य संजीवनी दी उससे देश का लघु बैटरी उद्योग भी अपार शक्ति प्राप्त करेगा, ऐसी आशा है।
दो नवंबर को दीपावली के त्यौहार से पूर्व प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एमएसएमई सैक्टर के लिए 12 बड़े फैसलों की घोषणा की जिनका लाभ उठाकर लघु बैटरी उद्योग नए युग, नए अध्याय की शुरुआत कर सकते हैं।

आसानी से पैसा: 59 मिनट लोन पोर्टल

लघु बैटरी उद्यमियों की सबसे बड़ी समस्या है ग्राहक से माल का भुगतान समय से प्राप्त न होना जबकि उन्हें हर महीने काटे गए इनवायसों की जीएसटी राशि सरकारी कोष में जमा करवानी पड़ती है। बैटरी पर 28% जीएसटी और कई बैटरी स्पेयर पार्ट्स पर 18% जीएसटी दरों के कारण जीएसटी में हर महीने भारी-भरकम धनराशि जमा करनी पड़़ती है। ग्राहकों से पैसा आने में तीन-तीन महीने लग जाते हैं। सभी बैटरी उद्यमियों को नकदी का संकट झेलना पड़ रहा है। लोगों के बैंक खाते खाली हो चुके हैं, बिजनेस संकट में हैं और लोगों में सरकार की इस नीति के विरूद्ध रोष है।
जहाँ तक लोन की समस्या है, अब सरकार ने लघु उद्यमियों को सरलता से, बिना बैंकों के चक्कर काटे, कम ब्याज पर पैसा उपलब्ध कराने के लिए 59 मिनट का लोन पोर्टल www.psbloansin59minutes.com लांच किया है। जिसके माध्यम से जीएसटी में रजिस्टर्ड बैटरी उद्यमियों को 10 लाख से 1 करोड़ रु. का ऋण मात्र 59 मिनट में सैद्धांतिक रूप से स्वीकृत हो जाएगा और 7-8 दिन के अंदर ऋण राशि उद्यमी को उपलब्ध हो जाएगी।

दो प्रतिशत कम ब्याज दर पर लोन

इस ऋण पर उद्यमियों को 2 प्रतिशत घटाकर अर्थात् 8 प्रतिशत ब्याज ही देना होगा। यह ऋण बिना जमानत के उपलब्ध होगा। सरकार आपका जमानती बनेगी। प्रधानमंत्री कागजी कार्यवाही को न्यूनतम करना चाहते हैं। उनका कहना है कि जब एक उद्यमी के कारोबार की सूचना उसके जीएसटी रिर्टन में है, इंकम की सूचना इंकमटैक्स रिटर्न में है, कैश फ्लो बैंक एकाउंट से जाना जा सकता है तो इन सबके आधार पर बैंक लोन क्यों नहीं दे सकते? उद्यमी को बार-बार बैंकों के चक्कर क्यों काटने पड़ें? जीएसटी से जुड़े ईमानदार करदाता उद्यमी को कर्ज मिलने में दिक्कत न हो इसलिए जीएसटी फाईल करते समय भी आपसे कर्ज के लिए पूछा जाएगा और 59 मिनट में आपका लोन सैंक्शन हो जाएगा। (इस पोर्टल में जाने और ऋण प्राप्त करने के विषय पर बैटरी डायरेक्टरी के आगामी पाक्षिक अंक में एक विस्तृत लेख प्रकाशित हो रहा है। लोन प्राप्त करने में यदि आपको कठिनाई आती है तो कृपया हमें बताएं। आपकी समस्या को हम प्रकाशित करेंगे।) ब्याज दर में यह कमी स्वागत योग्य और सराहनीय है। जीएसटी रजिस्टर्ड हर एमएसएमई को एक करोड़ तक का नया अथवा इंक्रीमैंटल लोन 8 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाएगा। बैटरी निर्यातकों को प्री-शिपमैंट व पोस्ट शिपमैंट की अवधि वाले लोन की ब्याज दर की छूट को 3 प्रतिशत दर से बढ़ाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि हम एक्सपोर्ट की ओर भी ध्यान दें।

सरकारी खरीद में हिस्सेदारी बढ़ी

अभी तक सरकारी विभागों और कंपनियों को अपनी जरूरत का 20 प्रतिशत भाग एमएसएमई से खरीदना अनिवार्य था। लेकिन अब इसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का फैसला लिया गया है। पिछले वर्ष सरकारी विभागों द्वारा दो लाख चौदह हजार करोड़ रुपए का सामान एमएसएमई सेक्टर से खरीदा गया है। स्टेट ट्रांसपोर्ट, टेलीफोन एक्सचेंज, सरकारी विभागों में बैटरियों की बड़ी माँग होती है, आशा है कि इस फैसले से लघु बैटरी उद्यमियों को नई ताकत मिलेगी। हमारे देश में बहुत सी बैटरी इकाइयाँ महिला उद्यमी चला रही हैं। उनके लिए एक और शुभसमाचार यह है कि अब सरकारी विभाग, संगठन और कंपनियाँ अपनी जरूरत का कम से कम 3 प्रतिशत माल महिला उद्यमियों से ही खरीदेंगे। इस फैसले से लघु बैटरी उद्योग की ओर अधिक महिलाएँ आकर्षित होंगी।

जीईएम पोर्टल से जुड़ें

लगभग ढाई वर्ष पहले मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए GeM पोर्टल (यानि गवर्नमेंट ई मार्केट प्लेस पोर्टल) का लाभ भी बैटरी उद्यमियों को उठाना चाहिए। सरकारी सामान की खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए यह पोर्टल शुरू किया गया था। इस पोर्टल पर अब तक डेढ़ लाख से अधिक सप्लायर जुड़ चुके हैं। इसमें 40 हजार एमएसएमई क्षेत्र से हैं। इन्हें अब तक 9 लाख आर्डर दिए गए जिनका मूल्य 14 हजार करोड़ रुपए था। बिना किसी बिचौलिए के, बिना किसी को कमीशन दिए यह कारोबार हुआ और भुगतान भी बिना विलंब के मिला। GeM पोर्टल को और अधिक मजबूत करने का फैसला सरकार ने लिया है। प्रधानमंत्री जी ने आह्वान किया है कि यह समय कंप्यूटराईजेशन और टैक्नॉलाजी का है, ई-कामर्स और ऑनलाईन मार्केटिंग का है। लघु उद्योग भी इससे जितना ज्यादा जुड़ेंगे उतना ही उनका फायदा होगा।

आधुनिक टैक्नालॉजी युक्त टूल रूम्स

देश में वर्तमान टूल रूम्स की व्यवस्था का विस्तार किया जा रहा है। देश भर में बीस हब बनाए जाएंगे और टूल रूम जैसे 100 स्पोक देश भर में स्थापित किए जाएंगे। इस कार्य के लिए सरकार 6 हजार करोड़ रुपए व्यय करेगी। इससे बेहतर डिजाइन से लेकर, क्वालिटी, ट्रेनिंग और कंसल्टेंसी जैसे अनेक विषयों में एमएसएमई उद्यमियों को लाभ होगा।

वर्ष में केवल एक बार रिटर्न

प्रधानमंत्री की नवीं घोषणा थी कि आपको कम से कम फॉर्म और रिटर्न देने पड़ें, इसके लिए बड़ा फैसला लिया गया है। आठ श्रम कानूनों और 10 केन्द्रीय नियमों के तहत दिया जाने वाला रिटर्न अब आपको साल में दो बार की जगह एक बार ही देना होगा।

इन्स्पेक्टर राज पर अंकुश

अनावश्यक जांच से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि अब इन्स्पेक्टर को कहाँ जाना है, किस फैक्ट्री में जाना है, इसका निर्णय सिर्फ एक कंप्यूटराईजड रैंडम एलोटमैंट से ही होगा। उसे 48 घंटे के अंदर अपनी रिपोर्ट पोर्टल पर डालनी होगी। अपनी मर्जी से वह किसी भी जगह नहीं जा सकता। इन्स्पेक्टर राज से मुक्ति दिलाने में यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। अब कोई इन्स्पेक्टर आपके यहाँ ऐसे ही नहीं आ जाएगा। उससे पूछा जाएगा कि तुम उस फैक्ट्री में क्यों गए थे, क्या मकसद था?

पर्यावरण कानून में बड़ा सुधार

कोई भी उद्यम लगाने के लिए पर्यावरण मंजूरी और कंसेट टू एस्टेबलिश सर्टिफिकेट जरूरी होते हैं। सरकार ने फैसला लिया है कि वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण कानूनों के तहत एमएसएमई के लिए दोनों को एक करके अब सिर्फ एक कन्सेंट ही अनिवार्य होगी।
सरकार आप पर भरोसा करके सैल्फ सर्टिफिकेशन पर आपके रिटर्न स्वीकृत करेगी। लेबर डिपार्टमेंट की तरह पर्यावरण के रुटीन इन्स्पेक्शन समाप्त होंगे और सिर्फ 10 प्रतिशत एमएसएमई का निरीक्षण होगा।
स्मरण रहे कि इस क्षेत्र में वर्षों से भारी भ्रष्टाचार की शिकायते थीं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि च्च् लाल किले से प्रारंभ में मेरे मुंह से निकला था जीरो डिफैक्ट, जीरो इफैक्ट। हम ऐसी मैन्युफैक्चरिंग करेंगे जिसमें दुनिया के बाजार में कोई डिफैक्ट न निकाल सके और पर्यावरण पर उसका जीरो इफैक्ट पड़े। हम इसी मंत्र को लेकर चल रहे हैं।
च्च् सरकार का मानना है कि उद्यमियों पर भरोसा करके ही हम पर्यावरण की रक्षा ज्यादा प्रभावी तरीके से कर सकते हैं। इस भरोसे के चलते ही देश में जन भागीदारी बढ़ रही है। सरकार लगातार यह सुनिश्चत कर रही है कि कानूनी प्रक्रियाएँ सरल हों जिससे आप सभी को व्यापार करने में आसानी हो।

कानूनी जटिलताओं से राहत

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दो नवंबर को बाहरवाँ ऐलान किया: " सरकार ने कंपनी अधिनियम में बहुत बड़ा बदलाव कर एमएसएमई को कानूनी जटिलताओं से राहत दी है। कंपनी अधिनियम में आज तक ऐसे प्रावधान थे कि छोटी-छोटी मामूली गलतियों या अनजाने में उलंघन होने पर आपको क्रिमिनल गुनहगार मान लिया जाता था। इन छोटी-छोटी गलतियों की वजह से कई बार व्यापारियों को जेल तक हो जाती थी, कोर्ट कचहरियों के चक्कर काटने पड़ते थे। इन सब में आपका कीमती समय और पैसा दोनों बरबाद होते थे और मान-सम्मान को गहरी ठेस पहुँचती थी। मुझे आपको बताते हुए खुशी है कि इन परेशानियों से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार एक अध्यादेश लेकर आई है। अध्यादेश जारी कर दिया गया है। अब तक जो नियम प्रणाली चल रही थी सरकार ने बदल दी है। अनजाने में हुए छोटे उलंघन के लिए आप संबंधित विभाग में जाकर कुछ आसान प्रक्रियाओं के माध्यम से उन सारी गलतियों को सुधार सकते हैं।"
इस अध्यादेश का प्रभाव चल रहे हजारों नहीं, लाखों मुकद्मों पर भी पड़ेगा। प्रोप्राइटरशिप फर्मों पर जो पैनेल्टी लागू होती थी सरकार ने उसे भी घटाकर आधा कर दिया है।

कारीगरों, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा

"सरकार ने तय किया है कि देश भर में एक अभियान चला कर इस सेक्टर में काम करने वाले कारीगरों, श्रमिकों को सोशल सेक्योरिटी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। उनके पास जनधन एकाउंट हों, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में नामांकन हो। यदि फैक्टरी थोड़ी बड़ी है तो वहाँ Employee Provident Fund और ESIE के द्वारा सुविधाएँ सुनिश्चित कराई जाएंगी।
हमारा दृढ़़ विश्वास है कि वैश्वीकरण के इस दौर में ये 12 फैसले एमएसएमई सेक्टर को सुदृढ़ कर नया अध्याय लिखेंगे।

- चन्द्रमोहन




 
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